Skip to main content

दिवाली पर क्यों खेलते है जुआ?


जुआ एक ऐसा खेल है जिससे इंसान तो क्या भगवान को भी कई बार भयंकर मुसीबतों का सामना करना पड़ा है। जुआ, सामाजिक बुराई होकर भी भारतीय मानस में गहरी पैठ बनाए हुए है। ताश के पत्तों से पैसों की बाजी लगाकर खेला जाने वाला खेल भारत में नया नहीं है। बस हर काल में इसके तरीकों में थोड़ा परिवर्तन आता रहा है। जुआ आज खेला जाता है और पहले भी खेला जाता रहा है। आज हम आपको जुए से जुड़े कुछ खास किस्से व समय के साथ आए उसमें परिवर्तन के बारे में आपको बता रहे हैं :-



★ राजा नल ने गंवाया था अपना सब कुछ

महाभारत में राजा नल और दमयंती की कहानी आती है। दोनों में बहुत प्रेम था। नल चक्रवर्ती सम्राट थे। एक बार वे अपने रिश्तेदारों के साथ चौसर खेलने बैठे। सोने की मोहरों पर दांव लगने लगे। राजा नल के रिश्तेदार कपटी थे, सो उन्होंने सारे खजाने के साथ उनका राजपाट, महल, सेना आदि सब जीत लिए। राजा नल की हालत ऐसी हो गई कि उनके पास पूरा तन ढंकने के लिए भी कपड़े नहीं थे। जुए के कारण पूरी धरती पर पहचाना जाने वाला राजा एक ही दिन में रंक हो गया। बाद में अपना राज्य दोबारा पाने के लिए नल को बहुत संघर्ष करना पड़ा।

★ पत्नी को भी हार गए थे पांडव

महाभारत की कहानी का केंद्र जुएं का खेल ही है। दुर्योधन ने शकुनि के साथ मिलकर पांडवों से कपट किया और जुएं में पूरा इंद्रप्रस्थ जीत लिया। युधिष्ठिर दांव पर दांव लगाते रहे और हारते रहे। आखिरी में खुद को, चारों भाइयों को और पत्नी द्रौपदी को भी हार गए। द्रौपदी का चीरहरण हुआ। फिर पांडवों को 13 साल के लिए वनवास पर जाना पड़ा। एक जुएं के खेल ने उनकी सारी जिंदगी बदल दी।
महाभारत में एक स्थान पर भगवान श्रीकृष्ण ने अर्जुन से कहा है कि अगर युधिष्ठिर में जुआ खेलने की आदत ना होती तो उन्हें भगवान का दर्जा मिल जाता, क्योंकि उनमें बाकी सारे गुण मौजूद थे, लेकिन जुएं की लत के कारण उनके सारे गुण दब गए।

★ बलराम भी हारे थे जुए में

श्रीमद्भागवत की एक कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण के बड़े भाई बलराम ने भी जुआ खेला था। कथा के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के पुत्र का विवाह रुक्मिणी के भाई रुक्मी की लड़की से था। ये वही रुक्मी थे, जिनको भगवान श्रीकृष्ण ने रुक्मिणी हरण के समय युद्ध में हराया था और कुरूप बनाकर छोड़ दिया था। रुक्मी को अपने उस अपमान का बदला लेना था। उसने विवाह के दौरान बलराम को जुआ खेलने के लिए आमंत्रित किया। बलराम स्वभाव से सीधे थे सो वे रुक्मी के आमंत्रण को ठुकरा ना सके और जुआ खेलने बैठ गए। रुक्मी ने छल से बलराम को हरा दिया और उनका भरी सभा में अपमान करने लगा। इससे गुस्सा होकर बलराम ने तत्काल रुक्मी का वध कर दिया था। रुक्मी के वध से विवाह मंडप में हाहाकार मच गया। जुएं ने शादी के रंग में भंग डाल दिया। विवाह का उत्सव मातम में बदल गया। इस प्रसंग से पता चलता है कि अगर विवाह जैसे मांगलिक कार्य में जुआ खेला जाए तो अमंगल होने की स्थिति बन सकती है।

★ मुगलों से पहले भी था भारत में जुआ

पौराणिक काल के बाद आधुनिक भारत में भी जुएं और जुआ घरों का उल्लेख मिलता है। मदिरालय, वेश्यालयों में अक्सर जुआ खेला और खिलाया जाता था। सिकंदर के भारत पर आक्रमण के समय भी कई स्थानों पर जुआघर होने और जुआ खेलने के उल्लेख मिलते हैं। मगध जो भारत का सबसे बड़ा राज्य था (वर्तमान में बिहार), में भी कई जुआ घर थे तथा नंद वंश के राजा धनानंद स्वयं जुआ खेलने के शौकीन हुआ करता था। इसके बाद सम्राट अशोक के शासन काल में भी जुआ खेले जाने के कई प्रसंग मिलते हैं।

★ जानिए कैसे बदलता गया जुए का स्वरुप

चौसर – सबसे पहले पत्थर या लकड़ी की गोट से चौसर खेला जाता था। इसका नाम चौसर इसके आकार के कारण पड़ा। यह चार भाग वाला होता था और हर भाग में 16 खाने होते थे। इस तरह कुल 64 खाने पूरे चौसर में होते थे। प्रारंभिक काल में इसे सिर्फ मनोरंजन के लिए खेला जाता था। इसके लिए सफेद पत्थर के पासे बनाए जाते थे, जिन पर 1 से 6 तक अंक लिखे होते थे।
चौपड़– चौसर का ही अपभ्रंश चौपड़ था। इसमें कपड़े पर चौसठ खाने बनाकर खेला जाने लगा। लकड़ी की गोटियों और लकड़ी के ही पासे उपयोग में लाए जाने लगे। इसी में पहले गायों, अनाज और सोने की मुद्रा के दांव लगने का चलन शुरू हुआ था।
जुआ या द्यूत– कालांतर में चौपड़ का अस्तित्व लगभग लुप्त हो गया और 48 खानों वाला एक नया खेल शुरू हुआ, जिसमें सीधे हर दांव पर सम्पत्ति लगाई जाने लगी। तब तक ये खेल घरों की बंद दीवारों से निकलकर बाजार तक आ चुका था। बाजारों में विधिवत रुप से राजाज्ञा प्राप्त जुआघर चलते थे। जहां जुआघर का मालिक दो लोगों को कमीशन पर जुआ खेलने के लिए धन और स्थान उपलब्ध कराता था। इन्हें हम दुनिया के सबसे पहले कैसिनो कह सकते हैं।
ताश के पत्तों से जुआ– वर्तमान समय में ताश के पत्तों से जुआ खेला जाता है। कई प्रदेशों में दीपावली की रात घरों में जुआ खेला जाता है। इसे कई लोग शुभ और लक्ष्मी के आगमन का संकेत मानते हैं, लेकिन धर्मग्रंथों ने सीधी घोषणा की है कि जुआ एक व्यसन है, जहां व्यसन होते है वहां लक्ष्मी का वास नहीं होता।
क्या होता है जुआ खेलने वालों के साथ

जो लोग जुआ खेलते हैं, उनके लिए धर्मग्रंथों में कई प्रकार की सजाएं लिखी गई हैं। गरुड़ पुराण, भागवत, महाभारत जैसे ग्रंथों में जुए के नुकसान बताए गए हैं। इसे खेलने वाले को बहुत कठिन यातनाओं से गुजरना होता है। पुराण कहते हैं कि जुआ खेलने वाला, जुए में छल करने वाला रौरवादि नरकों में जाता है और कई वर्षों तक यातना पाता है। जुआ खेलने वाले के घर से लक्ष्मी का वास खत्म हो जाता है। उसके घर में धन भले ही रहे, लेकिन श्री (सुख, वैभव, ऐश्वर्य) चली जाती है।

Comments

Popular posts from this blog

मकर रेखा किन देशों से होकर गुजरती है?

★ मकर रेखा विश्व के दस देशों से गुजरती है।उनके नाम निम्नलिखित हैं।  कर्क रेखा विश्व के किन देशों से होकर गुजरती है? • अर्जेंटीना • बोत्स्वाना • दक्षिण अफ्रीका • आस्ट्रेलिया • नामीबिया • मोजाम्बिक • मेडागास्कर • चिली • पराग्वे • ब्राजील ★  You may also like 15 अजीब कानून Old Name Of Some Indian City/village/state Amazing Dates Of 2017 Updated List Of UP Cabinet Ministers

चन्द्र शेखर आजाद से जुड़े कुछ रोचक तथ्य

1. आजाद ने झांसी के पास एक मंदिर में 8 फीट गहरी और 4 फीट चौड़ी गुफा बनाई थी। वहां वह पुजारी के वेश में रहते थे। नालंदा विश्वविद्यालय से जुड़े कुछ रोचक तथ्य 2. कहा जाता है कि एक दिन अंग्रेजों ने झाँसी स्थित  आजाद के ठिकाने पर धावा बोल दिया। तब आजाद ने अंग्रेजों को स्त्रीवेश धारण कर चकमा दिया था। 3. जलियांवाला केस के बाद आजाद ने एमपी के झाबुआ में आदिवासियों से तीरंदाजी की ट्रेनिंग ली। वह अपने पास हमेशा माउजर रखते थे। 4. बताया जाता है कि आजाद साथियों के साथ रूस जाकर वहां के नेता स्टालिन की मदद लेना चाहते थे। इसके लिए जवाहर लाल नेहरू से 1200 रुपए मांगे थे 5. आजाद नहीं चाहते थे कि उनकी फोटो अंग्रेजों के हाथ लगे। इसके लिए उन्होंने दोस्त को झांसी भेजा, ताकि अंतिम फोटो की प्लेट नष्ट हो जाए। लेकिन, वह नही टूटी। 6. एक बार दोस्त रुद्रनारायण की आर्थिक स्थिति को देखकर वह खुद को अंग्रेजों के हवाले करने को तैयार हो गए। ताकि, इनाम के पैसे से दोस्त का घर अच्छे से चल सके। 7. आजाद ने अपनी जिंदगी के 10 साल फरार रहते हुए बिताए। इसमें ज्यादातर समय झांसी और आसपास के जिलों में ही बीता। 8. स्वतंत्रता संग्राम में

कर्क रेखा विश्व के किन देशों से होकर गुजरती है?

★ कर्क रेखा विश्व के 18 देशों से होकर गुजरती है। उन देशों के नाम निम्नलिखित हैं। मकर रेखा किन देशों से होकर गुजरती है? • मेक्सिको • अल्जीरिया • माली • मारीतानिया • इजिप्ट (मिस्र) • नाइजर • म्यामार • संयुक्त अरब अमीरात (UAE) • बहामास • ताईवान • ओमान • चाड (उत्तरतम सीमा में) • चीन • बांग्लादेश • मोरक्को • सउदी अरब • भारत • लीबिया ★  You may also like 15 अजीब कानून Old Name Of Some Indian City/village/state Amazing Dates Of 2017 Updated List Of UP Cabinet Ministers